
द पंजाब रिपोर्ट जालंधर :- श्री चैतन्य महाप्रभु श्री राधा माधव मंदिर प्रताप बाग में चल रहे 65वें वार्षिक श्री हरिनाम संकीर्तन सम्मेलन के दूसरे दिन के विषय श्री भागवत धर्म पर बोलते हुए त्रिदंडी स्वामी श्रील भक्ति विचार विष्णु महाराज जी ने कहा कि श्री भागवत शास्त्र में वर्णित धर्म को भागवत धर्म कहते हैं या यूं कहें कि भगवान से संबंधित जो जो भी धर्म है, उन्हें भागवत धर्म कहते हैं । इसलिए भगवान के भक्तों के धर्म को भी भागवत धर्म कहते हैं । सद् धर्म, आत्म धर्म, सनातन धर्म और भक्तिधर्म भी इसी के अन्य नाम है । श्रीमद् भागवत के 11वें स्कंद में महाराज निमि और नव योगेंद्र के संवाद में भागवत धर्म का स्वरूप और उसका आचरण विस्तार रूप से वर्णित हुआ है ।
हैदराबाद से त्रिदंडी स्वामी श्रीमद् भक्ति शौध जितेंद्रिय महाराज , मायापुर से श्रीमद् भक्ति हृदय निरीह महाराज, वृंदावन से श्रीमद् पर्वत महाराज, कोलकाता से श्रीराम ब्रह्मचारी, अनंत राम दास, दीनबंधु प्रभु, ऋषिकेश प्रभु विशेष तौर से मंदिर के वार्षिक हरिनाम संकीर्तन में सम्मिलित हुए।
इस अवसर पर निरीह महाराज जी ने कृपा करो कृपा में राधे राधे, गोविंद जय जय गोपाल जय जय राधा रमण हरि गोविंद जय जय व हरे कृष्ण महामंत्र संकीर्तन द्वारा सभी का मन मोह लिया।
यहां पर नरेंद्र गुप्ता, केवल कृष्ण, अमित चड्ढा, रेवती रमन गुप्ता, राजेश शर्मा, टी एल गुप्ता, अजीत तलवाड, कपिल शर्मा , मिंटू कश्यप, अजय अग्रवाल, राकेश चोपड़ा, चेतनदास, अनिल सेठ, राजीव ढींगरा, हेमंत थापर, सन्नी दुआ, सत्यव्रत गुप्ता , राजन गुप्ता, दिनेश शर्मा, प्रेम चोपड़ा, दीपक चोपड़ा, डॉ मनीष, ओम भंडारी, अजय अरोड़ा करतार सिंह, गगन अरोड़ा, विजय सग्गड़, अश्विनी अग्रवाल, चंद्रमोहन रॉय, केशव अग्रवाल, संजीव खन्ना, कृष्ण गोपाल , जगन्नाथ, अंबरीश, गौर, विजय मक्कड़, अमित जिंदल, नरेंद्र कालिया, दविंद्र भाखड़ी, अशोक भाटिया, निशु गुप्ता, गुरुवरिंदर और अरुण गुप्ता उपस्थित थे