
द पंजाब रिपोर्ट जालंधर : एडवोकेट जे.पी. सिंह के माध्यम से, अर्बन एस्टेट वेलफेयर सोसाइटी (रजि.), जो अर्बन एस्टेट फेज़-2, जालंधर के निवासियों का प्रतिनिधित्व करती है, ने माननीय स्थायी लोक अदालत, जालंधर में याचिका दायर की है। इस याचिका में पेट्रोल पंप के निकट स्थित और ज्योति नगर कूड़ा-घर के नाम से प्रसिद्ध अवैध कूड़ा-घर को हटाने की मांग की गई है।
यह याचिका कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 की धारा 22B के अंतर्गत दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि यह स्थल कभी भी किसी मास्टर प्लान या नगर निगम अधिसूचना में अधिकृत कूड़ा-घर के रूप में चिन्हित नहीं किया गया, फिर भी इसे अवैध रूप से कूड़ा डालने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
निवासियों ने इस कूड़ा-घर से उत्पन्न गंभीर खतरों की ओर ध्यान दिलाया है:
• यह स्थल व्यस्त बाज़ार और अस्पतालों के सामने है, जिससे दुर्गंध, प्रदूषण और बीमारियाँ फैल रही हैं।
• पेट्रोल पंप और 132 केवी पीएसटीसीएल सब-स्टेशन के पास स्थित होने से आग और विस्फोट का ख़तरा बना रहता है।
• यह स्थल मच्छरों, चूहों, आवारा कुत्तों तथा डेंगू-मलेरिया जैसी महामारियों का अड्डा बन गया है।
• यह 60 फीट चौड़ी सड़क पर अतिक्रमण करता है और रेलवे लाइन व धार्मिक स्थलों के बेहद नज़दीक है, जिससे यातायात और सुरक्षा को खतरा है।
याचिका में ठोस कचरा प्रबंधन नियम, 2016 और माननीय उच्चतम न्यायालय व राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के निर्णयों का हवाला दिया गया है, जिनमें आवासीय क्षेत्रों में खुले में कचरा डालने पर रोक लगाई गई है।
सोसाइटी ने प्रार्थना की है कि माननीय लोक अदालत:
1. इस स्थल पर तुरंत कचरा डालना बंद करवाए।
2. कचरे को वैज्ञानिक ढंग से प्रबंधित किसी अधिकृत स्थल पर शिफ्ट करवाए।
3. प्रभावित क्षेत्र की सफाई, फ्यूमीगेशन व सेनिटाइजेशन करवाए।
मामला दर्ज हो चुका है और सुनवाई की तारीख 05.09.2025 तय की गई है।
निवासियों ने आशा व्यक्त की है कि माननीय लोक अदालत का हस्तक्षेप इस लंबे समय से चले आ रहे संकट को समाप्त करेगा, जो 2018 से लगातार अधिकारियों के समक्ष उठाने के बावजूद अनसुलझा है।